पद्म श्री अ’ज़ीज़ अहमद ख़ाँ वारसी क़व्वाल – Amir Khusrau, Nizamuddin Auliya, Sufi Qawwali, Sufi Kalam
फ़नकार अपने मुल्क की तहज़ीब-ओ-तमद्दुन का नुमाइंदा होता है और तहज़ीब-ओ-तमद्दुन किसी मुल्क की सदियों पुरानी रिवायात का नाम है,
फ़नकार अपने मुल्क की तहज़ीब-ओ-तमद्दुन का नुमाइंदा होता है और तहज़ीब-ओ-तमद्दुन किसी मुल्क की सदियों पुरानी रिवायात का नाम है,
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