ख़्वाजा साहब पर क्या कहती हैं पुरानी किताबें? – Amir Khusrau, Nizamuddin Auliya, Sufi Qawwali, Sufi Kalam

ख़्वाजा साहब पर क्या कहती हैं पुरानी किताबें? – Amir Khusrau, Nizamuddin Auliya, Sufi Qawwali, Sufi Kalam

हिन्दोस्तान में सिलसिला-ए-तसव्वुफ़ का चराग़ कई सदियों से रौशन है। इसकी अज़्मत के तज़्किरे भरे पड़े हैं। जहाँ एक तरफ़

पद्म श्री अ’ज़ीज़ अहमद ख़ाँ वारसी क़व्वाल – Amir Khusrau, Nizamuddin Auliya, Sufi Qawwali, Sufi Kalam

पद्म श्री अ’ज़ीज़ अहमद ख़ाँ वारसी क़व्वाल – Amir Khusrau, Nizamuddin Auliya, Sufi Qawwali, Sufi Kalam

फ़नकार अपने मुल्क की तहज़ीब-ओ-तमद्दुन का नुमाइंदा होता है और तहज़ीब-ओ-तमद्दुन किसी मुल्क की सदियों पुरानी रिवायात का नाम है,

हज़रत ज़हीन शाह ताजी और उनका सूफ़ियाना कलाम – Amir Khusrau, Nizamuddin Auliya, Sufi Qawwali, Sufi Kalam

हज़रत ज़हीन शाह ताजी और उनका सूफ़ियाना कलाम – Amir Khusrau, Nizamuddin Auliya, Sufi Qawwali, Sufi Kalam

बाबा ताजुद्दीन नागपुरी महाराष्ट्र के प्रसिद्ध संत हुए हैं। मेहर बाबा ने इन्हें अपने समय के पाँच बड़े अध्यात्मिक गुरुओं

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