ईद वाले ईद करें और दीद वाले दीद करें – Amir Khusrau, Nizamuddin Auliya, Sufi Qawwali, Sufi Kalam
ईद का शाब्दिक अर्थ सूफ़ी किताबों में कुछ यूँ मिलता है- (मुसलमानों के त्यौहार का दिन; हर्ष; ख़ुशी) ׃सूफ़ी के
ईद का शाब्दिक अर्थ सूफ़ी किताबों में कुछ यूँ मिलता है- (मुसलमानों के त्यौहार का दिन; हर्ष; ख़ुशी) ׃सूफ़ी के
लखनऊ के मुतअ’ल्लिक़ बृज नारायण चकबस्त ने बहुत पहले कहा था : ज़बान-ए-हाल से ये लखनऊ की ख़ाक कहती है
गुजरात में सैकड़ों उ’लमा और अत्क़िया पैदा हुए और चल बसे लेकिन गुजरात के आसमान पर दो ऐसे आफ़ताब-ओ-माहताब चमके
उर्दू की तर्वीज-ओ-इशा’अत और फ़रोग़-ओ-इर्तिक़ा में सूफ़िया-ए-किराम ने जो ख़िदमात पेश कीं वो किसी साहिब-ए-नज़र से पोशीदा नहीं। इस ज़बान
Titles: Murshid-e-Yagana, Faiz Bakhsh-e-Zamana, Huzur Saiyedna Faiz ur Rasool (رحمة الله عليه). Birth: Hazrat was born in 1317 AH ( 1900 AD
सा’दी ’अलैहर्रहमा ने ख़ूब कहा है र’ईयत-ए-चू बीख़स्त-ओ-सुल्ताँ दरख़्त दरख़्त ऐ पिसर बाशद अज़ बीख़ सख़्त ये जड़ों ही की
हज़रत शैख़ नजीबुद्दीन मुतवक्किल साहिब-ए-दिल थे, आप साहब-ए-कश्फ़-ओ- करामात,सनद-ए-औलिया और हुज्जत-ए-मशाएख़-ए-वक़्त,मुशाहिदात-ओ- मक़ालात-ए-‘आली में यकता,तमाम मशाएख़-ए-वक़्त के कमालात-ए-सुवरी-ओ- मा’नवी के मक़र्र
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