ख़्वाजा मीर दर्द और उनका जीवन – Amir Khusrau, Nizamuddin Auliya, Sufi Qawwali, Sufi Kalam
दिल्ली शहर को बाईस ख्व़ाजा की चौखट भी कहा जाता है। इस शहर ने हिन्दुस्तानी तसव्वुफ़ को एक नई दिशा
दिल्ली शहर को बाईस ख्व़ाजा की चौखट भी कहा जाता है। इस शहर ने हिन्दुस्तानी तसव्वुफ़ को एक नई दिशा
We travelled by an auto rickshaw in the streets of Old Delhi, people from air conditioned SUVs rolled down their
’इल्म-ए-तसव्वुफ़ जिसकी निस्बत कहा जाता है, बरा-ए-शे’र गुफ़्तन ख़ूब अस्त’ –मौलाना अलताफ़ हुसैन हाली “यादगार-ए-ग़ालिब” उर्दू शा’इरी की इब्तिदा में
हज़रत ख़्वाजा नसीरुद्दीन चिराग़ देहलवी शैख़-उल-मशाइख़, बादशाह-ए-’आलम-ए-हक़ीक़त , कान-ए-मोहब्बत-ओ-वफ़ा हज़रत ख़्वाजा नसीरुल-मिल्लत वद्दीन महमूद अवधी रहमतुल्लाह अ’लैह। तकमिला-ए-सियर-उल-औलिया में है
The Land of Hindustan is an abode of Sufism and Dargahs. In India, faith is the strongest bond that cements the
ईद का शाब्दिक अर्थ सूफ़ी किताबों में कुछ यूँ मिलता है- (मुसलमानों के त्यौहार का दिन; हर्ष; ख़ुशी) ׃सूफ़ी के
लखनऊ के मुतअ’ल्लिक़ बृज नारायण चकबस्त ने बहुत पहले कहा था : ज़बान-ए-हाल से ये लखनऊ की ख़ाक कहती है
गुजरात में सैकड़ों उ’लमा और अत्क़िया पैदा हुए और चल बसे लेकिन गुजरात के आसमान पर दो ऐसे आफ़ताब-ओ-माहताब चमके
उर्दू की तर्वीज-ओ-इशा’अत और फ़रोग़-ओ-इर्तिक़ा में सूफ़िया-ए-किराम ने जो ख़िदमात पेश कीं वो किसी साहिब-ए-नज़र से पोशीदा नहीं। इस ज़बान
Titles: Murshid-e-Yagana, Faiz Bakhsh-e-Zamana, Huzur Saiyedna Faiz ur Rasool (رحمة الله عليه). Birth: Hazrat was born in 1317 AH ( 1900 AD
© 2023, IslamicNeekah. All rights reserved.